जय माता दी
मेरी मां जगदंबा।
जहाँ किसी और से कोई आस न बांधूं माता।
वहाँ सहारा मेरा बन आती हो।
दिखाकर एक नया उम्मीद का दीपक।
तिमिर में रोशनी फैलाती हो।
जहाँ किनारे सब छूट जाए।
बीच भंवर में हाथ पकड़ती हो।
बन मेरी सच्ची खिवैया ।
जीवन की नैया पार लगाती हो।
जहाँ कोई नहीं रहता मदद के लिए।
वहाँ अदृश्य रूप में मेरा साथ निभाती हो।
भटकती राह पर कदम, जो पड़े मेरे जहाँ।
वहीं सही राह पर ले आती हो।
ओ मेरी जगदम्बे माँ।
सभी निर्दय, निर्बल की टेर तुम सुनती हो।
खुशियों से आँचल भरती सबका।
न विलंब कभी करती हो।
मेरी सचियाँ जोता वाली माता.. तेरी सदा ही जय।
बोलो सांचे दरबार की जय🙏🙏
Niraj Pandey
08-Oct-2021 10:03 AM
जय माता दी🙏
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Swati chourasia
07-Oct-2021 09:26 PM
Jai mata di 🙏
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Shalini Sharma
07-Oct-2021 02:33 PM
Jai mata di 🙏
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